मंडावली फाटक पर बने अंडर ब्रिज के दोनों तरफ़ ( गणेश नगर की तरफ़ ) हर समय लोगों का तांता लगा रहता है। जब देखो भीड़। आपको अपने नम्बर के लिए बहुत देर तक इंतज़ार करना पड़ेगा। दोनों तरफ़ की लाइनों में लगे लोगों के सब्र की तारीफ़ करनी पड़ेगी। कितनी भी देर हो जाए, शान्ति से खड़े रहते हैं और अपने नम्बर का इंतज़ार करते हैं, बिना किसी शिकवा शिकायत के। हर उम्र के लोग, बच्चे, बूढे, जवान, औरतें सभी। बनाने वालों ने भी दोनों जगहें छांट कर बनाई हैं, ठीक एक दुसरे के सामने, सड़क के आर पार। आमतौर पार रोज़ ही दोनों जगह भीड़ रहती है, लेकिन कुछ एक दिन ऐसे होते हैं जब एक का आँगन सूना होता है और एक के आँगन में बहार आई होती है। जैसे मंगल का दिन, एक तरफ़ तो चाहनेवालों का जमावाडा और दूसरी तरफ़ गिने चुने लोग अपनी बारी की प्रतीक्षा में। यहाँ बात हो रही है एक मन्दिर और मीट की दुकान की। हाँ जी, मंडावली अंडर ब्रिज के एक तरफ़ है मन्दिर और दूसरी तरफ़ है मीट शॉप। ठीक आमने सामने। अब मुझे यह ठीक से याद नही है की पहले वहां क्या था, मीट की दुकान या शनि/शिव मन्दिर। लेकिन क्या सही जगह है यार। मीट लेने जाओ अगर मन में श्रद्धा जाग जाए तो मन्दिर में घुस जाओ अगरबत्ती जलाओ, घंटी बजाओ और अगर मन्दिर में पूजा के बाद दांतों में खुजली होने लगे तो मीट की दुकान में चलो, हड्डी फाडो, चमड़ी चबाओ।
Monday, July 7, 2008
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1 comment:
dharambhrasht brahmin......NALAYAK
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