तन्हाईयाँ......
और जारी...
किसी की तलाश
अकेलेपन का खौफ
पुरानी मोहब्बत की निशानी
सिगरेट, शराब, कंडोम और वो नोवेल
उसके बंद कमरे की कहानी
चार दीवारें, एक वो
और
रोज़ एक नया चेहरा
वही बिस्तर, वही चादर
आवाज़, बे-आवाज़ एक दूजे से टकराती जवानी
सिगरेट, शराब, कंडोम और वो नोवेल
उसके बंद कमरे की कहानी
कोने की दराज़ में बंद लाल डाइरी
यादों का सैलाब
आँखों को ललकारती तस्वीर
नाराज़ तकदीर
सिसकता मन, छलकता पानी
सिगरेट, शराब, कंडोम और वो नोवेल
उसके बंद कमरे की कहानी
ग़ुस्सा कभी,
और कभी प्यार,
गन्दी गालियाँ तो कभी इंतज़ार,
छत से टकराती चीख,
चीखने की वो आदत पुरानी,
सिगरेट, शराब, कंडोम और वो नोवेल
उसके बंद कमरे की कहानी
मोबाइल स्क्रीन पर
cupid sign का वाल पेपर
फालतू सेंटी मेसेज से भरा इन्बोक्स
गहराता इमोशनल खालीपन
और दिलासे दिलाते
ऑफिस कुलीग के कार्ड
हाय वो किस्सा असफल प्रेम का
उस शर्मीले शख्स की मौन ज़बानी
सिगरेट, शराब, कंडोम और वो नोवेल
उसके बंद कमरे की कहानी
चांद पर पाखाना
3 months ago
2 comments:
हाय वो किस्सा असफल प्रेम का :)
स्साला ये प्रेम हमेशा असफल ही क्यों होता है? दरअसल, प्रेम की नियती ही नाकामी है। प्रेम होना एक बात है और उसे कामयाब बनाना दूसरी बात। दरअसल, प्रेम को कामयाब बनाने के लिए बहुत सी चीजों की जरुरत होती है। वो नहीं आ पाया तो प्रेम अपनी गति को प्राप्त हो जाता है।
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